एक छोटा लड़का अपने पिता का हाथ छुड़ाकर एक मेले में खो गया ।अब दुखी होकर रोता रोता, पिता को खोजने लगा ।
छोटे बालक को मेले में रोता देखकर कुछ दयालु लोग उसे चॉकलेट, बिस्कुट ,रोटी एवँ आइसक्रीम दे देते ।बच्चा उसे पाकर कुछ देर के लिए चुप हो जाता।
वह पिता की याद में रोने लगता मेले में नाना प्रकार के सुंदर खिलौने ,झूलों ,जादू एवं चमक दमक से आकर्षित होकर वह खो जाता और कुछ देर के बाद फिर से यथार्थ को याद कर असहाय अवस्था में रोने लगता ।कुछ लोग मिठाई कपड़े एवं खिलौने भी दिला देते।
किंतु बालक पुनः पिता के प्रेम को याद कर दुखी हो कर रोते रहता ठीक इसी प्रकार हम सभी भगवान श्री जगन्नाथ की सेवा छोड़कर इस संसार के मेले में घर, गाड़ी ,संपत्ति एवं व्यवसाय के खिलौनों से आकर्षित होकर इस संसार में मग्न हो जाते हैं किंतु सूनेपन से दुखी होकर रोते रहते हैं ।
भगवान श्री जगन्नाथ सभी के पिता हैं 8 जनवरी 2017 को अपने सभी खोए हुए बच्चों को मना कर वापस घर में लाने के लिए रथ पर सवार हो कर निकलेंगे कृपया करके आप सभी भगवान श्री जगन्नाथ की इस दिव्य रथ यात्रा में भाग लें एवं महाप्रसाद प्राप्त करें